दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया के महान खिलाड़ियों में शामिल महेंद्र सिंह धोनी का जीवन आज करोड़ों युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है. उनके जीवन पर एक फिल्म भी बन चुकी है, जो दर्शाती है कि कैसे संघर्षों से लड़ते हुए उन्होंने ऊंचाइयों को छुआ. शनिवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2025) में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और दिल्ली कैपिटल्स (DC) के बीच मुकाबला खेला गया, जिसमें दिल्ली ने 25 रनों से जीत दर्ज की. इस मैच को देखने धोनी का पूरा परिवार चेपॉक स्टेडियम में मौजूद था. इस दौरान, उनकी पत्नी साक्षी, बेटी जीवा और माता-पिता पान सिंह व देवकी देवी भी स्टैंड्स में नज़र आए.
जब धोनी के पिता नहीं चाहते थे कि बेटा बने क्रिकेटर
1981 में एक साधारण मिडिल क्लास परिवार में जन्मे महेंद्र सिंह धोनी के पिता पान सिंह MECON नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी में जूनियर मैनेजर थे. उस समय अधिकांश माता-पिता की तरह पान सिंह भी चाहते थे कि धोनी पढ़ाई पर ध्यान दें और एक अच्छी नौकरी करें. वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेट को करियर बनाए, लेकिन धोनी की बड़ी बहन जयंती गुप्ता ने उस समय उनका साथ दिया, जब परिवार का भरोसा उनके क्रिकेट करियर पर नहीं था.
जयंती ने ही अपने पिता को समझाया और उन्हें मनाया कि धोनी को क्रिकेट में आगे बढ़ने दिया जाए. धोनी ने कुछ समय तक भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्टर की नौकरी भी की, लेकिन उनका सपना हमेशा क्रिकेट ही था.
अब आलम यह है कि क्रिकेट ने धोनी की ज़िंदगी को पूरी तरह बदल दिया. अगस्त 2020 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बावजूद धोनी आज भी IPL में सक्रिय हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपये से भी अधिक है. उनके पास खुद की प्रोडक्शन कंपनी है, ‘धोनी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’, रांची में होटल है, कई कंपनियों में उन्होंने निवेश किया है और ब्रांड्स से भी उनकी बड़ी कमाई होती है.
आज धोनी का नाम ही सफलता की मिसाल बन चुका है, जिसे कभी परिवार को मनाकर क्रिकेट खेलने की इजाज़त लेनी पड़ी थी, वही अब करोड़ों लोगों के दिलों में बसते हैं. माही की यह कहानी आज की पीढ़ी के लिए बड़ी प्रेरणा है.
Related News